अग्निवारियर अभ्यास 2024: भारत-सिंगापुर सैन्य अभ्यास, अग्निवारियर 2024, 28 नवंबर से 30 नवंबर तक निर्धारित है। यह महाराष्ट्र के देवलाली फील्ड फायरिंग रेंज में होगा, जिसका उद्देश्य दोनों देशों की तोपखाने इकाइयों के बीच सैन्य सहयोग को बढ़ाना है।
अग्निवारियर अभ्यास 2024: उद्देश्य
इसका मुख्य लक्ष्य सैन्य संबंधों को मजबूत करना है। दोनों देश तोपखाने के संचालन में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करेंगे। सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी होगा। इन गतिविधियों का उद्देश्य सैन्य सहयोग से परे संबंधों को गहरा करना है।
हालिया राजनयिक संदर्भ
यह अभ्यास सिंगापुर के रक्षा मंत्री डॉ. एनजी इंग हेन की अक्टूबर में भारत यात्रा के बाद हो रहा है। उन्होंने भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। वे रक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए। संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण सेना समझौते को पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया।
2025 में भारत और सिंगापुर राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मनाएंगे। दोनों देशों ने रक्षा उपकरण विकास में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। उनका लक्ष्य स्वचालन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता पहल को आगे बढ़ाना भी है।
साझेदारी को मजबूत करना
सितंबर 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सिंगापुर यात्रा के दौरान भारत-सिंगापुर संबंधों को और मजबूती मिली। दोनों देशों ने अपने संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी में तब्दील कर दिया। यह साझेदारी विश्वास और आपसी सम्मान पर आधारित है
सहयोग के क्षेत्र
इस साझेदारी में विभिन्न क्षेत्र शामिल हैं और रक्षा सहयोग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। दोनों देश व्यापार, प्रौद्योगिकी और शिक्षा के क्षेत्र में भी मिलकर काम करते हैं। पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच व्यापक सहयोग स्थापित हुआ है।
अग्निवारियर अभ्यास से भविष्य में सहयोग का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है। बेहतर सैन्य प्रशिक्षण से दोनों देशों को लाभ होगा। निरंतर संवाद से उनकी रणनीतिक साझेदारी मजबूत होगी।
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथ्य:
- अग्निवारियर 2024: यह सैन्य अभ्यास 28 नवंबर से 30 नवंबर तक निर्धारित है। इसका उद्देश्य साझा अभ्यासों के माध्यम से भारत और सिंगापुर की तोपखाने इकाइयों के बीच सहयोग बढ़ाना है।
- देवलाली फील्ड फायरिंग रेंज: महाराष्ट्र में स्थित ये रेंज आर्टिलरी स्कूल का हिस्सा हैं। ये सैन्य अभ्यास और प्रशिक्षण कार्यों के लिए एक प्रमुख स्थल के रूप में काम करते हैं।