इंडियाएआई और मेटा ने आईआईटी जोधपुर में जनरेटिव एआई सेंटर का शुभारंभ किया

AI और मेटा ने एक महत्वपूर्ण सहयोग की घोषणा की। उन्होंने आईआईटी जोधपुर में जनरेटिव एआई, सृजन (srijan) के लिए केंद्र का शुभारंभ किया। इस पहल का उद्देश्य भारत में ओपन-सोर्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को आगे बढ़ाना है। इसमें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के साथ साझेदारी में कौशल और क्षमता निर्माण के लिए युवाआई पहल भी शामिल है। इसका उद्देश्य स्वदेशी AI अनुप्रयोगों को विकसित करना और कौशल विकास को बढ़ावा देना है।

सहयोग के उद्देश्य

इस साझेदारी का प्राथमिक लक्ष्य भारत के AI  मिशन में योगदान देना है। इस मिशन में तकनीकी संप्रभुता सुनिश्चित करना और भारत के लिए अनुकूलित AI समाधान तैयार करना शामिल है। सहयोग का उद्देश्य अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ावा देना और जिम्मेदार और नैतिक एआई प्रौद्योगिकियों के विकास को सुविधाजनक बनाना है।

जनरेटिव एआई केंद्र, सृजन

मेटा आईआईटी जोधपुर में सृजनात्मक AI  केंद्र की स्थापना में सहयोग करेगा। यह केंद्र, जिसे जेनएआई सीओई के नाम से भी जाना जाता है, AI में अनुसंधान और विकास को आगे बढ़ाने के लिए बनाया गया है। यह एआई परिदृश्य में खुले विज्ञान नवाचार को बढ़ावा देगा। यह केंद्र शोधकर्ताओं, छात्रों और चिकित्सकों को जिम्मेदार एआई विकास के लिए आवश्यक ज्ञान और उपकरणों से सशक्त बनाएगा।

शिक्षा और क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित

शिक्षा इस पहल का एक प्रमुख घटक है। केंद्र AI में कौशल विकसित करने के लिए प्रशिक्षण और संसाधन प्रदान करेगा। इसमें नैतिक प्रथाओं को सुनिश्चित करने के लिए नीति सलाहकार सेवाएँ शामिल हैं। क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित करके, इस पहल का उद्देश्य भारत में एआई नेताओं की अगली पीढ़ी को तैयार करना है।

साझेदारी का महत्व

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के सचिव श्री एस कृष्णन ने इस सहयोग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह अनुसंधान और कौशल विकास के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाता है। इस साझेदारी को भारत में AI तकनीक को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इसका उद्देश्य AI नवाचारों की जिम्मेदार और नैतिक तैनाती सुनिश्चित करना भी है।

आर्थिक विकास को समर्थन

यह पहल भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के अनुरूप है। युवाओं को एआई कौशल से लैस करके, इसका उद्देश्य भारत को वैश्विक AI  क्षेत्र में अग्रणी बनाना है। तकनीकी उन्नति पर इस फोकस से आर्थिक विकास और नवाचार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

भविष्य की संभावनाओं

GenAI CoE की स्थापना से अभूतपूर्व शोध को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह AI में ओपन-सोर्स इनोवेशन को भी बढ़ावा देगा। यह पहल भारत को AI विकास का केंद्र बनाने के व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है।

इस सहयोग के माध्यम से AI और मेटा AI में एक परिवर्तनकारी भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। शिक्षा, अनुसंधान और नैतिक प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित करने से अगली पीढ़ी को सशक्त बनाया जा सकेगा। यह पहल भारत को कृत्रिम बुद्धिमत्ता में अग्रणी के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Spread the love

Leave a Comment