भारत ने ओडिशा के चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से अग्नि-4 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण सामरिक बल कमान (एसएफसी) द्वारा किया गया, जिससे मिसाइल के प्रदर्शन और तकनीकी क्षमताओं की पुष्टि हुई।
Agni-4 क्या है?(what is Agni-4)
अग्नि-4 भारत द्वारा विकसित एक मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (IRBM) है। यह भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मिसाइल को सटीकता और प्रभावशीलता के साथ खतरों का जवाब देने की भारत की क्षमता को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। अग्नि-4 का सफल प्रक्षेपण साबित करता है कि मिसाइल उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करती है। यह सफलता मिसाइल प्रौद्योगिकी में भारत की प्रगति और सटीक और विश्वसनीय हमले करने की उसकी क्षमता को उजागर करती है।
मिसाइल परीक्षण में हालिया प्रगति
Agni-4 परीक्षण से पहले अन्य उल्लेखनीय मिसाइल परीक्षण हुए थे:
- 4 अप्रैल, 2024 को भारत ने अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया, जिसने अपने सभी उद्देश्यों को पूरा किया और विश्वसनीय प्रदर्शन दिखाया।
- जून 2023 में भारत अग्नि-प्राइम का पहला रात्रि प्रक्षेपण करेगा, जिसमें विभिन्न परिस्थितियों में इसकी क्षमताओं का प्रदर्शन किया जाएगा।
ये मिसाइल परीक्षण भारत की अपनी रक्षा प्रणालियों को आधुनिक बनाने और अपनी रणनीतिक प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने के प्रति समर्पण को दर्शाते हैं। इससे क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने और संभावित खतरों से सुरक्षा करने में मदद मिलती है।
Agni-4 के बारे में अधिक जानकारी
- रेंज: अग्नि-4 3,000 से 4,000 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकती है।
- पेलोड: यह 1,000 किलोग्राम तक वजन वाले परमाणु हथियार ले जा सकता है।
- डिज़ाइन: इसमें दो-चरणीय ठोस प्रणोदक प्रणाली है, जो सटीकता और प्रभावशीलता में सुधार करती है।
- गतिशीलता: यह मिसाइल सड़क पर गतिशील है, जिससे इसकी उत्तरजीविता बढ़ जाती है।
- मार्गदर्शन: यह सटीक लक्ष्य निर्धारण के लिए जड़त्वीय नेविगेशन और जीपीएस सहित उन्नत प्रणालियों का उपयोग करता है।
- विकास: agni-4 भारत के एकीकृत मिसाइल विकास कार्यक्रम का हिस्सा है(IGMDP), जिसका उद्देश्य सामरिक प्रतिरोध को मजबूत करना है। इसका पहला परीक्षण नवंबर 2011 में किया गया था।