भारत ने किया पहला एआई डेटा बैंक लॉन्च किया

भारत ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा अपना पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) डेटा बैंक जारी किया, जिसका उद्देश्य नवाचार को प्रोत्साहित करना और राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाना है । डेटा बैंक शोधकर्ताओं, स्टार्टअप्स और डेवलपर्स को एआई समाधानों के लिए आवश्यक डेटासेट प्रदान करके उनकी सेवा करेगा।

लॉन्च इवेंट विवरण

एआई डेटा बैंक को 7वें एसोचैम एआई लीडरशिप मीट 2024 में लॉन्च किया गया। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस पहल की शुरुआत की। कार्यक्रम का विषय था “भारत के लिए एआई – भारत के एआई विकास को आगे बढ़ाना – नवाचार, नैतिकता और शासन।”

एआई डेटा बैंक का उद्देश्य

डेटा बैंक का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को बेहतर बनाना है, जिससे सैटेलाइट, ड्रोन और IoT डेटा का वास्तविक समय विश्लेषण संभव हो सके। इसके अतिरिक्त, यह आपदा प्रबंधन और साइबर सुरक्षा में AI अनुप्रयोगों का समर्थन करता है।

विभिन्न क्षेत्रों में एआई की भूमिका

मंत्री सिंह ने कई क्षेत्रों में एआई की परिवर्तनकारी क्षमता पर प्रकाश डाला। इनमें शासन, व्यवसाय, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और अंतरिक्ष अन्वेषण शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से निपटने और सार्वजनिक सेवा वितरण को बढ़ाने के लिए एआई महत्वपूर्ण है।

जिम्मेदार एआई उपयोग

सिंह ने जिम्मेदारी से एआई के इस्तेमाल के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एआई एक शक्तिशाली उपकरण है, लेकिन इसका इस्तेमाल नैतिक रूप से किया जाना चाहिए। सरकार पारदर्शी एआई सिस्टम विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है जो एल्गोरिदम संबंधी पूर्वाग्रह को कम करे और डेटा गोपनीयता की रक्षा करे।

निष्पक्षता और पहुंच के प्रति प्रतिबद्धता

मंत्री ने आश्वासन दिया कि एआई को व्यक्तियों को सशक्त बनाना चाहिए। एआई लाभों तक समान पहुंच एक प्राथमिकता है, जिसका उद्देश्य असमान प्रौद्योगिकी पहुंच के कारण होने वाले विभाजन को रोकना है।

यह कार्यक्रम विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। उन्होंने एआई के प्रति जिम्मेदार दृष्टिकोण के लिए रणनीतियों पर चर्चा की। उद्योग जगत के नेताओं ने भारत में एआई के भविष्य पर अंतर्दृष्टि साझा की।

परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. एसोचैम: एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) एक प्रमुख व्यापार संघ है। यह उद्योग हितों को बढ़ावा देता है और भारत में विभिन्न क्षेत्रों में व्यापार के अवसरों को बढ़ाता है।
  2. IoT: इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) का मतलब आपस में जुड़े उपकरणों से है। ये उपकरण डेटा एकत्र करते हैं और उसका आदान-प्रदान करते हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवा और कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर संचालन और बेहतर दक्षता संभव होती है।
  3. एल्गोरिदमिक पूर्वाग्रह: एल्गोरिदमिक पूर्वाग्रह तब होता है जब AI सिस्टम अनुचित परिणाम देते हैं। यह त्रुटिपूर्ण डेटा या डिज़ाइन के कारण हो सकता है, जिससे कुछ समूहों के खिलाफ भेदभाव हो सकता है और नैतिक AI विकास की आवश्यकता हो सकती है।
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