वैश्विक जैव विविधता में 73% की गिरावट WWF की रिपोर्ट

विश्व वन्यजीव कोष (WWF) ने 10 अक्टूबर को अपनी लिविंग प्लैनेट रिपोर्ट 2024 जारी की, जिसमें 1970 के बाद से वैश्विक वन्यजीव आबादी में 73% की चिंताजनक गिरावट का खुलासा किया गया है। यह तीव्र गिरावट दुनिया की जैव विविधता पर मानवीय गतिविधियों के गंभीर प्रभाव को उजागर करती है और आगे की क्षति को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग करती है।

जैव विविधता में गिरावट का कारण क्या है?

रिपोर्ट में लगभग 35,000 वन्यजीव आबादी को शामिल किया गया है, जिसमें उभयचर, पक्षी, मछली, स्तनधारी और सरीसृप जैसी 5,495 प्रजातियाँ शामिल हैं। इस गिरावट के मुख्य कारण हैं:

आवास क्षरण: वनों और प्राकृतिक वातावरण को नष्ट किया जा रहा है या परिवर्तित किया जा रहा है, जिससे वन्य जीवन के लिए कम स्थान बचता है।

संसाधनों का अत्यधिक उपयोग: अत्यधिक शिकार, मछली पकड़ना और लकड़ी काटने से पशु और वनस्पति की आबादी नष्ट हो जाती है।

कीट और आक्रामक प्रजातियाँ: गैर-देशी प्रजातियाँ पारिस्थितिकी तंत्र को बाधित करती हैं और स्थानीय वन्यजीवों को नुकसान पहुँचाती हैं।

जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण : बढ़ता तापमान, चरम मौसम और प्रदूषण आवासों और प्रजातियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

यह गिरावट कितनी बुरी है?

विभिन्न पारिस्थितिक तंत्रों में जैव विविधता की हानि अलग-अलग होती है:

  • मीठे पानी की प्रजातियाँ: 85% गिरावट
  • भूमि प्रजातियाँ: 69% गिरावट
  • समुद्री (महासागरीय) प्रजातियाँ: 56% गिरावट

क्षेत्रीय स्तर पर सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र हैं:

  • लैटिन अमेरिका और कैरिबियन: 95% कमी
  • अफ्रीका: 76% कमी
  • एशिया-प्रशांत: 60% कमी
  • यूरोप, मध्य एशिया और उत्तरी अमेरिका: छोटी गिरावट, लगभग 35-39%

पारिस्थितिकी तंत्र की क्षति और टिपिंग पॉइंट

रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि यदि ये प्रवृत्तियाँ जारी रहीं, तो पृथ्वी की प्राकृतिक प्रणालियाँ ऐसे महत्वपूर्ण बिंदुओं और सीमाओं पर पहुँच जाएँगी जहाँ से उबरना असंभव हो जाएगा। उदाहरणों में शामिल हैं:

प्रवाल भित्तियों का विरंजन: प्रवाल भित्तियों का विनाश समुद्री जीवन के लिए हानिकारक है और इससे लाखों लोगों की आजीविका भी प्रभावित होती है।

ध्रुवीय बर्फ की चादरों का पिघलना : इससे समुद्र का स्तर बढ़ता है और ध्रुवीय भालू जैसे वन्य जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

ब्राजील में बीज प्रसार: बीज फैलाने वाले बड़े जानवरों की कमी से पौधों की पुनर्जनन क्षमता कम हो रही है, जिससे पता चलता है कि पारिस्थितिकी तंत्र में सब कुछ आपस में जुड़ा हुआ है।

खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए खतरा

रिपोर्ट में बताया गया है कि जैव विविधता के नुकसान के साथ-साथ दुनिया भर में 735 मिलियन लोग भूख का सामना कर रहे हैं। साथ ही, अस्वास्थ्यकर आहार के कारण मोटापे की दर बढ़ रही है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कैसे 90% से अधिक फसल किस्में गायब हो गई हैं, जिससे हमारे द्वारा उगाए जाने वाले खाद्य पदार्थों की विविधता कम हो गई है। अत्यधिक मछली पकड़ना एक और बड़ा मुद्दा है, जो समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को खतरे में डाल रहा है जो अरबों लोगों को भोजन देने के लिए महत्वपूर्ण है।

कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता

WWF ने जोर देकर कहा है कि इन समस्याओं के समाधान के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। वे सुझाव देते हैं:

  • जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा को तीन गुना और ऊर्जा दक्षता को दोगुना करना।
  • स्वदेशी लोगों को उनके द्वारा संरक्षित भूमि के प्रबंधन में सहायता प्रदान करना, क्योंकि वे अक्सर विश्व की शेष जैव विविधता के संरक्षण के लिए जिम्मेदार होते हैं।

आगे क्या आता है?

अगले पांच वर्षों में लिए गए निर्णय ग्रह के लिए खतरनाक टिपिंग पॉइंट्स को रोकने में महत्वपूर्ण होंगे। WWF सरकारों, व्यवसायों और व्यक्तियों से आग्रह करता है कि वे जैव विविधता की रक्षा के लिए अपने प्रयासों को बढ़ाएँ, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए। तत्काल कार्रवाई पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र और अंततः मानव अस्तित्व के भविष्य को आकार देगी।

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