महाराष्ट्र के पुणे मेंअभ्यास”AUSTRAHIND”शुरू हो गया है। यह संयुक्त सैन्य अभ्यास 8 से 21 नवंबर 2024 तक चलेगा। इसमें भारत और ऑस्ट्रेलिया के सैनिक शामिल हैं। यह अभ्यास हर साल होता है, जो दोनों देशों के बीच बारी-बारी से होता है। इसका पिछला संस्करण दिसंबर 2023 में ऑस्ट्रेलिया में हुआ था।
AUSTRAHIND का उद्देश्य
इसका मुख्य उद्देश्य सैन्य सहयोग को बढ़ाना है। यह अंतर-संचालन क्षमता में सुधार पर केंद्रित है। संयुक्त उप-पारंपरिक अभियानों के संचालन के लिए यह आवश्यक है। अभियान अर्ध-शहरी वातावरण में होंगे। अभ्यास में अर्ध-रेगिस्तानी इलाकों की चुनौतियों का भी समाधान किया जाएगा।
भाग लेने वाली सेनाएँ
भारतीय दल में 140 कर्मी शामिल हैं। वे मुख्य रूप से डोगरा रेजिमेंट का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके अतिरिक्त, भारतीय वायु सेना के 14 सदस्य भाग ले रहे हैं। ऑस्ट्रेलियाई सेना 120 कर्मियों का दल भेजती है। वे मुख्य रूप से 13वीं लाइट हॉर्स रेजिमेंट से हैं। यह रेजिमेंट 2nd डिवीजन की 10वीं ब्रिगेड का हिस्सा है।
अभ्यास की संरचना
AUSTRAHIND को दो चरणों में विभाजित किया गया है। पहला चरण युद्ध की तैयारी और सामरिक प्रशिक्षण है। दूसरा चरण सत्यापन चरण है। प्रत्येक चरण सैन्य अभियानों के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित है।
प्रमुख अभ्यास और संचालन
अभ्यास में विभिन्न अभ्यास शामिल हैं। इसमें आतंकवादी कार्रवाइयों के जवाबों का अभ्यास किया जाएगा। एक फोकस परिभाषित क्षेत्रों पर कब्जा करने पर है। संयुक्त संचालन केंद्र की स्थापना एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू है। संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभियान भी चलाए जाएंगे। इसमें छापेमारी और खोज और विनाश मिशन शामिल हैं। परिचालन सफलता के लिए हेलीपैड को सुरक्षित करना महत्वपूर्ण है। ड्रोन और काउंटर-ड्रोन उपायों के उपयोग का अभ्यास किया जाएगा। विशेष हेली बोर्न ऑपरेशन भी दिखाए जाएंगे।
व्यायाम के लाभ
AUSTRAHIND सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने की अनुमति देता है। सेनाएँ रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं का आदान-प्रदान करेंगी। इससे सामरिक संचालन की प्रभावशीलता बढ़ जाती है। यह अभ्यास सैनिकों के बीच सौहार्द को भी बढ़ावा देता है। भविष्य के सहयोग के लिए मजबूत संबंध बनाना महत्वपूर्ण है।
शारीरिक फिटनेस का महत्व
अभ्यास के दौरान शारीरिक फिटनेस के उच्च स्तर पर जोर दिया जाता है। यह ऑपरेशनल तत्परता के लिए महत्वपूर्ण है। सैनिकों को संयुक्त ऑपरेशन की कठिनाइयों के लिए तैयार रहना चाहिए। शारीरिक फिटनेस समग्र मिशन की सफलता में सहायक होती है।
ऑस्ट्राहिंड के परिणाम भविष्य के सैन्य अभ्यासों को प्रभावित करेंगे। सीखे गए सबक आगे चल रहे सहयोग में योगदान देंगे। बढ़ी हुई अंतर-संचालन क्षमता भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रक्षा संबंधों को मजबूत करेगी।
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथ्य:
- डोगरा रेजिमेंट: डोगरा रेजिमेंट भारतीय सेना की एक पैदल सेना रेजिमेंट है। इसका इतिहास 1857 से शुरू होता है। यह रेजिमेंट अपनी बहादुरी और पराक्रम के लिए जानी जाती है।
- 13वीं लाइट हॉर्स रेजिमेंट: 13वीं लाइट हॉर्स रेजिमेंट ऑस्ट्रेलियाई सेना की एक घुड़सवार सेना रेजिमेंट है। इसका गठन 1903 में हुआ था। इस रेजिमेंट ने कई महत्वपूर्ण सैन्य अभियानों में हिस्सा लिया है।
- विशेष हेली बोर्न ऑपरेशन: विशेष हेली बोर्न ऑपरेशन में हेलीकॉप्टर के ज़रिए सैनिकों को तैनात किया जाता है। यह रणनीति चुनौतीपूर्ण वातावरण में तेज़ी से प्रवेश करने की अनुमति देती है। यह आतंकवाद विरोधी और विशेष ऑपरेशन मिशनों के लिए ज़रूरी है।