वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन (ONOS) पहल की शुरुआत के साथ भारत ने अपनी शोध और विकास क्षमताओं को बढ़ाने की प्रतिबद्धता को एक कदम और आगे बढ़ाया है । 25 नवंबर, 2024 को घोषित इस योजना का उद्देश्य देश के उच्च शिक्षा संस्थानों और शोध केंद्रों में विद्वानों के ज्ञान तक पहुँच को लोकतांत्रिक बनाना है। यह पहल विकसितभारत@2047 के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य भारत को नवाचार और शोध में वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करना है।
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन (ONOS) पहल का अवलोकन
ONOS पहल 30 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों की 13,000 से अधिक शोध पत्रिकाओं तक पहुँच प्रदान करती है। यह 6,300 से अधिक सरकारी प्रबंधित उच्च शिक्षा संस्थानों और शोध केंद्रों को लक्षित करती है। इस पहल से STEM, चिकित्सा और सामाजिक विज्ञान सहित विभिन्न विषयों के लगभग 1.8 करोड़ छात्र, संकाय और शोधकर्ता लाभान्वित होते हैं।
ONOS के मुख्य उद्देश्य
ONOS का प्राथमिक लक्ष्य उच्च गुणवत्ता वाले शोध प्रकाशनों तक पहुँच को बढ़ाना है। इसका उद्देश्य ज्ञान का लोकतंत्रीकरण करना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि टियर 2 और टियर 3 शहरों में संस्थानों को वैश्विक शोध संसाधनों तक समान पहुँच प्राप्त हो। इस पहल का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय शोध समुदायों में भारत की भागीदारी को सुविधाजनक बनाना भी है।
कार्यान्वयन रणनीति
ONOS पहल का प्रबंधन INFLIBNET (सूचना और पुस्तकालय नेटवर्क) द्वारा किया जाएगा, जो एक स्वायत्त अंतर-विश्वविद्यालय केंद्र है। यह पत्रिकाओं तक डिजिटल पहुँच का सुव्यवस्थित वितरण सुनिश्चित करता है। सभी पत्रिकाएँ डिजिटल रूप से उपलब्ध होंगी, जिससे उपयोगकर्ता प्रशासनिक बाधाओं के बिना आसानी से उन तक पहुँच सकेंगे।
ओएनओएस का वित्तीय ढांचा
ONOS पहल के लिए 2025 से 2027 तक की अवधि के लिए 6,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। यह धनराशि सभी भाग लेने वाले संस्थानों के सदस्यता शुल्क को कवर करेगी। इसके अतिरिक्त, उच्च गुणवत्ता वाले ओपन एक्सेस जर्नल में प्रकाशन में लेखकों का समर्थन करने के लिए सालाना 150 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे।
चरणबद्ध कार्यान्वयन योजना
ONOS पहल 1 जनवरी, 2025 से शुरू होकर चरणों में शुरू होगी। पहले चरण का लक्ष्य 1.8 करोड़ से ज़्यादा उपयोगकर्ताओं को 13,000 से ज़्यादा पत्रिकाओं तक पहुँच प्रदान करना है। इस चरण में भाग लेने वाले संस्थानों के शोधकर्ताओं द्वारा चयनित प्रकाशनों के लिए आर्टिकल प्रोसेसिंग शुल्क (APC) के भुगतान के प्रावधान भी शामिल होंगे।
संवर्द्धन और भविष्य की दिशाएँ
ONOS पहल मौजूदा शोध ढाँचों, जैसे अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (ANRF) का पूरक होगी। यह प्रकाशकों के साथ लेख प्रसंस्करण शुल्क पर छूट के लिए भी बातचीत करेगा, जिससे भारतीय शोधकर्ताओं के लिए किफायती प्रकाशन विकल्प उपलब्ध होंगे।
- INFLIBNET ONOS का प्रबंध प्राधिकरण है।
- विकसितभारत@2047 का लक्ष्य भारत को वैश्विक अनुसंधान में अग्रणी बनाना है।
- ओएनओएस कार्यान्वयन के लिए ₹6,000 करोड़ का बजट आवंटित किया गया।
- विभिन्न क्षेत्रों में 1.8 करोड़ लाभार्थी।
- प्रथम चरण 1 जनवरी 2025 से शुरू होगा।